सचेंडी पुलिस का गुड वर्क, 72 घंटे में इंदौर से किया लड़के को बरामद
बलराम सिंह उत्तर प्रदेश ब्यूर क्राइम ब्यूरो चीफ/ राहुल कश्यप-कैमरामैन की रिपोर्ट
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से बड़ी खबर जहां पुत्र नहीं दी अपने पिता को फर्जी अपहरण की सूचना।
आइए जानते हैं पूरा मामला कानपुर के सचेंडी थाना अंतर्गत क्षेत्र के भौती निवासी अलोक पुत्र जगदीश नारायण 27 सितम्बर को घर से कोचिंग पढ़ने के लिए निकला था। जो वापस घर नहीं पहुंचा जिस कारण पूरे परिवार हड़कंप मच गया और खोजबीन चालू की। पर कही पता ना लग सका, वही पिता के मोबाईल में अलोक ने अपने मोबाइल से फोन किया। जिसमे अलोक ने जानकारी देते हुए बताया कि मुझे कुछ लोग ट्रक में बांधकर ले जा रहे हैं। मोबाइल से पुत्र के अपहरण का फोन आते ही पिता के पैरों से तले जमीन खिसक गई। जिसकी प्राथमिकी पिता द्वारा थाना सचेंडी में दर्ज कराई थी जिससे अपने कार्यों में तेजतर्रार रहे थानाध्यक्ष शेष नारायण पांडे द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए मु0 अ0 सं0- 408/19 आई0 पी0 सी0 की धारा 363 के तहत मामला दर्ज कर सक्रियता दिखाते हुए छानबीन चालू की और आनन- फानन में आलोक के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की गई तो इन्दौर की लोकेशन पता चला जिस पर सचेंडी थाना अध्यक्ष शेष नारायण पांडे के खोजबीन अभियान के दौरान आलोक ज्यादा दिन तक छुपा नहीं रह सका और सचेंडी पुलिस की सक्रियता के चलते इंदौर से आलोक को 1 अक्टूबर को बरामद कर लिया गया। जिस पर आलोक से पूछताछ करने पर पता चला कि किसी ने उसका अपरहण नहीं किया था जबकि वह पढ़ाई के डर की वजह से घर से स्वयं भाग गया था और उसने गलत जानकारी अपने पिता को दी थी। आपको बताते चलें की सचेंडी पुलिस ने खोजबीन अभियान के दौरान आलोक को खोज निकाला और उसके पिता को सौप दिया। जिसके बाद से सचेंडी थाना अध्यक्ष शेष नारायण पांडे की सचेंडी थाना क्षेत्र के कई गांव के लोगों ने प्रशंसा की।