अंतर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर परिचर्चा...
हफ़ीज़ अहमद खान।
कानपुर, कानपुर नागरिक मंच के तत्वाधान में अंतर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मर्चेंट चेंबर हाल में परिचर्चा का कार्यक्रम किया गया यह दिवस जो विश्व में प्रत्येक 18 दिसंबर को मनाया जाता है भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस भाषाई धर्म जाति के आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित लोगों के अधिकारों को बढ़ावा संरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण दिन है। संयोजक सुरेश गुप्ता ने कहां की चर्चा में यह निर्णय लिया गया कि जब तक नागरिकता कानून जो वह काला कानून है वापस नहीं लिया जाता यह आंदोलन जारी रखा जाएगा संत्र पैतृक चर्च छावनी के बच्चों द्वारा शांत गीत गाकर परिचर्चा को प्रारंभ किया गया था! मुख्य वक्ता डॉ रूपरेखा वर्मा पूर्व वीसी लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने संबोधन में कहा कि 5 वर्षों में संविधान की अवमानना हुई है उसकी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हमारी साझा विरासत को चौपट किया जा रहा है इंसान की कोई कीमत नहीं रही जिसमें हम अपने को अजनबी महसूस करते हैं। पुराने रिश्ते टूट रहे हैं खौफ और शक का माहौल पैदा किया जा रहा है हम लोगों को डटकर मुकाबला करना होगा हरविंदर सिंह लॉर्ड ने कानून पर बोलते हुए कहा यह काला कानून है जिसे हम लोगों को विरोध करना होगा गुरु नानक देव जी ने कहा कि सबको मिलकर जुल कर रहना चाहिए इसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए और ना किसी के साथ झांसी की जाए। सुरेश गुप्ता संयोजक ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा नागरिक कानून वापस लेने वास्ते राष्ट्रपति से अपील की उस पर गृहमंत्री का बयान यह पंछी कितना ही विरोध करें हम पीछे नहीं हटे नए वाले गृहमंत्री का तानाशाही पूर्ण है यह शब्दावली लोकतंत्र का गला घोट रही है हमारी सरकार तानाशाही की ओर बढ़ रहे हैं। संचालन संयोजक नहीं किया। इस अवसर पर डॉक्टर खान अहमद फारूकी, रालोद मोहम्मद उस्मान, शाकिर अली उस्मानी राशिद नागरी रहमानी प्रदीप यादव फादर वॉल्टर काजी नियर जमाल छोटे नसीम रजा आदि लोग मौजूद रहे।