कोहरे से निपटने के लिए झांसी रेल मंडल की तैयारियां...
झांसी । उत्तर मध्य रेल के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के सभागार में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य रूप से 3 विषयों - कोहरे के दौरान संरक्षापूर्ण परिचालन हेतु रेलवे द्वारा बरती जाने वाली सावधानियां, पिछले 6 माह में मंडल द्वारा किये गए महत्वपूर्ण कार्य एवं भविष्य में मंडल द्वारा किये जाने वाले कार्यो के विषय में मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर ने पत्रकारों को संबोधित किया | कोहरे के समय में रेल परिचालन के विषय में बताते हुए माथुर ने कहा उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम में कोहरे छाना एक स्वाभाविक प्राकृतिक प्रक्रम है। कोहरे के कारण सीमित दृश्यता से परिवहन व्यवस्था विशेष रूप से माल और कोचिंग ट्रेनों का परिचालन बुरी तरह से प्रभावित होता है । जिससे ट्रेने विलंबित होती हैं और ट्रेनों को रीशिड्यूल करना पड़ जाता है या कई बार असामान्य देरी से चलने के कारण रद्द भी करना पड़ता है । हालाँकि, इस सर्दियों में मंडल ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें पिछले वर्षों के नियमित क्रियाओं के साथ-साथ नई पहल भी शामिल है ताकि हमारे सम्मानित ग्राहकों को समय पर उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए ट्रेन परिचालन पर कोहरे के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार है जैसे- कम दृश्यता संबंधी मामलों से निपटने के लिए लोकोपायलटों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है जिससे वह रेल पथों पर परिस्थिति के अनुसार रेलगाड़ी की गति सीमा को अपने विवेक और सूझ-बूझ के साथ नियंत्रित कर सकेगा। इस वर्ष सभी गाड़ियों में लोको पायलट को फोग सेफ्टी डिवाइस दी जा रही है जिससे दृश्यता कम होने पर सिग्नल, लेवल क्रासिंग, व्हिसल बोर्ड इत्यादि की सही लोकेशन के बारे में जानकारी प्राप्त हो रही है । इसकी मदद से कोहरे में गति सीमा जो पहले अधिकतम 60 किमी प्रति घंटा थी अब वह बढकर अधिकतम 75 किमी प्रति घंटा हो गई है |
ट्रेन में चल रहे इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल तथा कमर्शियल स्टाफ को फायर फाइटिंग की ट्रेनिंग दी गई है । कोहरे के दौरान लेट चल रही ट्रेनों में पानी तथा साफ़ सफाई के लिए विशेष प्रबन्ध किये जा रहे है, एक विशेष पहल के तहत लोको पायलटों को पूर्ण विश्राम मिल सके इसके लिए उनके फैमिली की विशेष रूप से काउंसलिंग की जा रही है । सभी कॉशन बोर्ड, सीटी बोर्ड आदि की बेहतर दृश्यता के लिए रेट्रो रिफ्लेक्टिव कोटिंग की जा रही है ताकि कम दृश्यता की स्थिति में लोकोपायलटों को सहायता मिल सके । इसके साथ ही माथुर ने उपस्थित सभी मीडियाकर्मियों से अपील की कि इस कोहरे के मौसम के दौरान वे लगातार लोगो को विभिन्न सावधानियों जैसे फुटबोर्ड पर यात्रा न करे, एक प्लेटफार्म से दुसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए ऊपरी पैदल पुल का प्रयोग करे, समपार फाटक बंद होने पर उसे पार न करे इत्यादि के प्रति जागरूक करने में रेलवे की मदद करें, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
इसके अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक महोदय ने 6 माह में मंडल द्वारा सम्पादित किये गए महत्वपूर्ण कार्यो पर भी संक्षेप में प्रकाश डाला। इनमें प्रमुख है - ऊसरगाँव स्टेशन का शुभारम्भ, टीकमगढ़ स्टेशन पर यात्री सुविधाओ में वृद्धि, झाँसी-मानिकपुर खंड में ट्रेनों का विद्युत् इंजन से सञ्चालन, ग्वालियर माल गोदाम का रायरू में स्थानान्तरण, झाँसी 'ए' एवं 'बी' केबिन पर इलैक्ट्रोमैकेनिकल प्रणाली के स्थान पर इलेक्ट्रानिक इण्टरलॉकिंग प्रणाली शुरू किया जाना, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम एक्सप्रेस में उत्कृष्ट रैक का अनावरण इत्यादि। माथुर द्वारा संक्षेप में निकट भविष्य में पूर्ण होने वाली एवं आगे की योजनाओं के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि सीपरी ब्रिज का कार्य काफी समय से रुका हुआ था , इसका ठेका आवंटित कर दिया गया है एवं मार्च माह तक इस कार्य में प्रगति देखने को मिलेगी। इसके अलावा झाँसी कानपुर खंड पर दोहरीकरण के कार्य के विषय में बताया कि झाँसी से परीछा तक 50 किमी का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं परीछा से नन्दखास तक 25 किमी का कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा, झाँसी से कानपुर तक का कार्य 2022 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है | क्लीन ट्रेन स्टेशन एवं क्लीन स्टेशन से ट्रेनों तथा स्टेशनों पर सफाई को और बेहतर करने के बारे में भी बताया । इसके साथ ही झाँसी-बीना खंड पर तीसरी लाइन के कार्य तेजी से चल रहा है एवं झाँसी से बबीना तक का कार्य मार्च माह तक पूर्ण हो जाने की संभावना है | इसके अलावा कुरुक्षेत्र से खजुराहो तक वाया ग्वालियर, झाँसी एवं ललितपुर नई ट्रेन सेवा शीघ्र शुरू होने के सम्बन्ध में जानकारी दी।
इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक अमित सेंगर, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री जितेन्द्र कुमार, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक शशिकांत त्रिपाठी एवं जन संपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह उपस्थित रहे |