डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किए गए  देवकीनंदन ठाकुर’



  • मन के रोग का ईलाज करती है कथा’ - श्री देवकीनंदन ठाकुर जी

  • बैंगलोर की यूनिवर्सिटी ने किया महाराज का सम्मान

  • डॉक्टरेट की उपाधि से किया सम्मानित

  • ‘ऐतिहासिक रही बैंगलोर में आयोजित श्री राम कथा’


कानपुर नगर। बैंगलोर में आयोजित श्रीराम कथा का षष्ट दिवस ऐतिहासिक रहा। धर्मप्रचार एवं प्रसार के लिए विभिन्न उपाधियों से अलंकृत किए जा चुके धर्मरत्न शांतिदूत पूज्य देवकीनंदन ठाकुर महाराज को आज कथा से पूर्व देश दुनिया में शांति के प्रचार के लिए आध्यात्म के क्षेत्र में ग्लोबल ट्राइम्प वर्चुअल यूनिवर्सिटी की ओर से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।


कथा पंडाल में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. संजीव बंसल एवं यूनिवर्सिटी के एडवाइजर डॉ. नवल किशोर शर्मा मौजूद रहे। महाराज जी को डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित करते हुए यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जी ने कहा कि हमारी हैसियत नहीं है कि हम महाराज जी को सम्मानित करें। ठाकुर श्री ने इस सम्मान को लेकर हम सबको सम्मानित किया है।



डॉक्टरेट की उपाधी ग्रहण करने के बाद महाराज श्री ने सभी भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉक्टर का काम है रोगी को स्वस्थ करना। ठीक इसी तरह ठाकुर जी ने भी हमें मानव की समस्याओं का ईलाज करने का कार्य दिया है। अगर किसी के शरीर में रोग लग जाएं तो इसे डॉक्टर ठीक करते हैं और अगर किसी के मन में रोग लग जाएं तो उसे भगवान की कथा ठीक करती है। महाराज जी ने आगे कहा कि मैं ये सम्मान अपने मां को समर्पित करता हूं और मैं सभी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं।


 



  • 17 वर्ष की आयु से कर रहे हैं कथा


आपको बात दें की पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने विश्व में शांति का प्रचार प्रसार करने हेतु मात्र 17 वर्ष की उम्र में ही भागवत कथा कहना शुरू कर दिया था। उन्होने सन् 1997 में दिल्ली से प्रेरणादायी कथाओं का प्रारम्भ किया जो आज तक अनवरत चल रहा है।



  • अब तक मिल चुके हैं कई सम्मान



 देवकीनंदन जी महाराज को दी गई उपाधि की श्रृंखला यहीं नहीं रूकती बल्कि अन्य सामाजिक संगठनों के द्वारा भी महाराज श्री को सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2016 में श्रीकृष्ण सेवा समिति के द्वारा ब्रज गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया, वर्ष 2015 में समाज सेवा के कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण संसद द्वारा सम्मानित किया गया। वर्ष 2012 में अखिल भारतीय बुद्धिजीवी सम्मेलन में ‘यू.पी रत्न’ का खिताब दिया गया। वर्ष 2014 में अखिल भारतीय बुद्धिजीवी सम्मेलन में ‘ग्रेट सन ऑफ इंडिया’ का खिताब दिया गया। कई संस्थाओं द्वारा अलग अलग समय पर विशिष्ट सेवा सम्मान और ‘ब्रज सेवा सम्मान’ से भी अलंकृत किया गया। केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी महाराज श्री को सम्मानित किया जा चुका है। धार्मिक प्रवचनों के माध्यम से विदेश में रह रहे लोगों को धर्म का मार्ग दिखाने के लिए ब्रेम्पटन कनाडा के सांसद श्री रमेश सांघा के द्वारा सम्मानित किया गया है।


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