सात फेरो के साथ ही होगा शादी का पंजीकरण...
- सभी धर्मो के लिए राज्य विवाह पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य...
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2017 से शादी पंजीकरण कराये जाने का नियम लागू किया गया था, लेकिन सरकार अब इस ओर गंभीर हो गयी है और प्रदेश सरकार द्वारा अब मुस्लिम सहित सभी धर्मो के लोगों के लिए राज्य विवाह पंजीकरण अनिचार्य कर दियागया है। इस व्यवस्था के शुरू होने के साथ अब शादी स्थल पर ट्रिपल पी की टीम पहुंचे गयी और शादी स्थल पर ही पंजीकरण का काम पूरा कराया जायेगा।
विवाह पंजीकरण पर सरकार ने कमर कस ली है और इसके क्रियान्वयन के लिए अब शादी समारोह में टीम पहुंचेगी। हलांकि केंद्र सरकार द्वारा महिला कलयाण विभाग से अगस्त 2017 में यह नियम लागू कर दिया था और आॅन लाइन पंजीयन की शुरूआत भी हो गयी थी। अब प्रदेश सरकार ने भी राज्य में विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। यह नियम मुस्लिम सहित सभी धर्मो पर लागू होगा। इस नियम को लागू करने का मुख्य उददेश्य पति की मृत्यु पर पत्नी को उत्तराधिकार का दावा मजबूत होने, बाल विवाह पर रोक लगाने, बहुविवाह पर अंकुश लगाने के साथ पति से अलग रह रही महिलाओं के भरण पोषण के अधिकार है। इसके तहत शादी समारोह में टीम पहुंचेगी और तत्काल शादी स्थल पर ही पंजीकरण कर दिया जायेगा, जिसके उपरान्त नव दंपत्तिी को उततर प्रदेश विवाह पंजीकरण विभाग द्वारा विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र भी जारी किया जायेगा।
बताया जाता है कि इस प्रमाण पत्र को शादी के लिए वैध माना जायेगा तथा इसके लिए दूल्हा और दुल्हन के पासपोर्ट साइज की फोटो व शादी की फोटो व उनके आधार कार्ड होना आवश्यक है। आवेदक हिंदी व अंग्रेजी दोनो भाषाओ में आवेदन भरेंगे, दूल्हे की आयु 21 व दुल्हन की 18 से कम नही होगी, निवास स्थायी पता दर्ज कराना होगा, रोशनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पहचान पत्र या पैनकार्ड की काॅली देनी होगी साथ ही विवाह पंजीकरण के लिए दो गवाह भी देने होगें।